फिल्म गुठली लड्डू के पोस्टर में बड़े अक्षरों में गुठली नाम लिखा हुआ है और छोटे अक्षर में लड्डू जिससे उसके सहायक भूमिका का पता चलता है। अगर आपने इसका ट्रेलर देखा होगा तो आपको पता होगा की ये फिल्म वास्तव में शिक्षा के समान अधिकार पर आधारित है। शिक्षा का ये अधिकार ऊँची-नीची सभी वर्ग, सभी समूह, सभी जातियों के बच्चों को मिलना चाहिए। यही कहानी ये फिल्म Guthlee Ladoo दिखाती है।
Guthlee Ladoo Story
इस फिल्म में गुठली (Guthlee) एक सफाई कर्मचारी का बेटा है। सफाई कर्मी पिता को नहीं पता था कि उसका बेटा पढ़ने में इतना तेज हो सकता है। अपनी बेटे के इस हुनर को देखते हुए वो उसे पढ़ाने की इच्छा रखता है। इसी कोशिश में वो स्कूल के शिक्षक और दूसरे लोगों से मिलता है। लेकिन सब उस पर हंसते हैं कि तुम नीची जाति के हो और अपने बेटे से कराओ जो तुम करते हो। लेकिन मंगरु अपने दोस्त के साथ हुए अनहोनी के कारण और मजबूत होकर अपने बेटे के शिक्षा के पक्ष में खड़ा होता है। जिसमें उसका साथ स्कूल के हेडमास्टर हरिशंकर देते हैं और वो भी चाहते हैं की गुठली पढ़े और अपने सपने पूरे करें। लेकिन क्या गांव के ऐसे माहौल और उच्च जाति के स्कूल की राजनीति में गुठली पढ़ पाता है?
Guthlee Ladoo Cast
फिल्म में गुठली का किरदार धनय सेठ ने निभाया है और लड्डू का किरदार हित शर्मा ने निभाया है। दोनों बच्चों ने अपने किरदार में लाजवाब अभिनय किया है। बड़े कलाकारों में संजय मिश्रा के लिए ऐसे किरदार निभाना अब सामान्य हो गया है, हमेशा की तरह यहां भी उन्होंने हेडमास्टर की भूमिका में बेहतरीन अभिनय किया है। गुठली के माता-पिता के किरदार में कल्याणी मुले और सुब्रत दत्ता ने भी गजब के भाव के साथ जीवंत काम किया है। इनके अलावा बाकी के कलाकारों ने भी अपनी सहायक भूमिका में अच्छा काम किया है।
Guthlee Ladoo बिना किसी मिर्च-मसाला वाली साधारण और छोटी बजट की फिल्म है, जो समाज की सच्चाई दिखाती है। जिसे इसकी शिक्षा की भावना के लिए देखना चाहिए जिससे समाज में व्याप्त जातिवादी मानसिकता और शिक्षा के अभाव का पता चलता है। अगर कोई छोटी जाति का परिवार अपने बच्चे को पढ़ा-लिखाकर अपना सामाजिक स्तर सुधारना चाहे तो उसे कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए ये फिल्म उन तमाम शिक्षाविदों, सरकारी नीतियों के निर्माताओं और ग्रामीण बच्चों के लिए काम करने वाले संगठनों को जरूर देखना चाहिए जो हमारे देश को शक्ति बनाने की सोच रखते हैं।