दोस्तों जैसा की आप सबको पता ही है बाहुबली वाले प्रभास की रामायण पर आधारित फिल्म आदिपुरुष का इंतजार काफी दिनो से किया जा रहा था। पहले टीज़र आया तो पब्लिक के रिस्पांस के बाद में इस 500 करोड़ की बजट वाली फिल्म में बेहतरीन अनुभव देने के लिए कुछ बदलाव की घोषणा की गयी जिससे इसका बजट और बढ़ गया। खैर, पब्लिक का रिस्पांस अब भी वही है पहले दिन सिनेमा घरों इसकी असलियत का पता लग गया है। वैसे तो थिएटर्स में पब्लिक के साथ एक सीट हनुमान जी के लिए भी छोड़ी गई है, इसी पर जनता का कहना है कि – अगर हनुमान जी गलती से भी फिल्म देखने चले आए तो ओम राउत और मनोज मुंतशिर को उनकी गदा जवाब देगी।
रामायण आधारित इस फिल्म की कहानी का अंदाजा तो सबको है मगर मेकर्स ने उसे थोड़ा नया बनाने के लिए बहुत ज्यादा ही रचनात्मक आजादी (क्रिएटिव लिबर्टी) ली है। यही चीज आदिपुरुष पर भयानक तरीके से बैकफायर कर गई है। अगर आपको लग रहा है कि फिल्म को लेकर कुछ ज्यादा ही नेगेटिविटी फैलाई जा रही है तो आपको इसके कुछ डायलॉग सुनने चाहिए ताकि आप खुद फैसला ले सकें। जैसे – हनुमान जी लंका गए हैं, जानकी से मिलने और उन्हें राम जी की अंगूठी और आश्वासन देने मगर रावण की सेना उन्हें पकड़ लेती है। इंद्रजीत उनकी पूंछ में आग लगाने की बात पूछता है- जली ? हनुमान जी कहते हैं कि तेल तेरे बाप का, आग तेरे बाप का, कपड़ा तेरे बाप का और जलेगी भी तेरे बाप की। जब हनुमान लंका से लौट कर आते हैं तो राघव यानी राम उनसे पूछते हैं कि क्या हुआ? इसके जवाब में हनुमान कहते हैं बोल दिया – जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे उनकी लंका लगा देंगे।
हमने जो भी रामायण देखा या पढ़ा है उसमें राम हनुमान समेत तमाम किरदार ज्ञानी, समझदार टाइप के लोग हैं। कम बोलते हैं, काम का बोलते हैं। सब साधारण भाषा में बात करते हैं। मगर यहां सब कुछ भयावह है, छिछोरापन की हदें पार की गयी है। रामायण सैकड़ों वर्ष पहले घटी बताई जाती है। मगर इस फिल्म को देखकर लगता है कि कहानी आज घट रही है, वह भी यूपी या दिल्ली के किसी इलाके में। इसी सीन में फिल्म की एक तथ्यात्मक त्रुटि पकड़ी जाती है। जब हनुमान जानकी को राम की अंगूठी देते हैं तो बदले में जानकी उन्हें अपना कंगन निकालकर पकड़ देते हैं। जबकि असल में ऐसा हुआ था कि सीता ने हनुमान को अपना चूड़ामणी दिया था जिसे महिलाएं बालों में पहनती हैं। इसे देखने के बाद पता चला कि मेकर्स ने वीएफएक्स में कुछ सुधार नहीं किया है, दिन के सीन्स में बस अँधेरा कायम किया है। रावण की पूरी सेना गेम ऑफ थ्रोन्स वाले नाइट वॉकर जैसी लगती है। उसमें कुछ थानोस जैसे दिखने वाले लोग भी हैं। सुग्रीव और बालि ने अपने गले में माला पहने हुई है, जो ब्लैक पैंथर की नकल है। आदिपुरुष में एक सीन है जहां राम और रावण की सेनाएं युद्धभूमि में आमने सामने खड़ हैं, थोड़ी छिटपुट लड़ाई चल रही है। यहां पर राम, लक्ष्मण, सुग्रीव, जामवंत और हनुमान गोल घेरा बनाकर खड़े हैं। कैमरा गोल चक्कर मारता है, यह सीन पहली अवेंजर्स से उठाई गई है।
इस फिल्म में दो ऐसी चीजें हैं जो इस फिल्म को थोड़ा बहुत देखने लायक बनाती हैं या एकदम ही रसातल में जाने से बचाने की कोशिश करती हैं। पहली जय श्री राम वाला बैकग्राउंड म्यूजिक और दूसरी चीज सैफ अली खान की अदाकारी रावण को भरपूर, खतरनाक और डरावना बनाने की कोशिश करते हैं और काफी हद तक सफल भी हो जाते हैं मगर फिल्म में जब वह चलते हैं तो ऐसा लगता है कि रावण किसी वीडियो गेम का हिस्सा है। उनके हिस्से घिसे हुए डायलॉग्स आए हैं, कई मौकों पर अजीबो गरीब आवाजें निकालकर सुनाई देते हैं। कभी उनसे वेल्डिंग कराई जाती है, तो कभी मांस फेंकवाया जाता है और तो सापों से उनकी मालिश भी कराई जाती है।
कृति सैनन के पास यहां ज्यादा कुछ करने को है नहीं, क्योंकि फिल्म शुरू होने के आधे घंटे के भीतर रावण जानकी का हरण कर लेता है। उसके बाद वह अशोक वाटिका में राघव का इंतजार ही कर रही होती हैं। जब उनको कंगन और चूड़ामणी का अंतर ही नहीं मालूम तो उसने उम्मीद लगाना बेमानी होगी। दो-तीन गानों में उन्हें देखने के मौके जरूर मिलते हैं। राम के किरदार में प्रभास एकदम नहीं जचते हैं। फिल्म में बमुश्किल उनके चेहरे पर कोई भाव नजर आता है क्योंकि आक्रमकता राम के किरदार पर सूट नहीं करते जितनी इस फिल्म ने लाद दी। प्रभास का ऐसा लगता है कि वो अभी तक बाहुबली के हैंगओवर से निकल ही नहीं पाए हैं। देवदत्त नागर ने हनुमान का किरदार निभाया है। वह शारीरिक रूप से इस किरदार को पूरी तरह फिट बैठते हैं। फिल्म में उनके हिस्से जो कॉमेडी वाले सीन्स रखे गए हैं।
आदिपुरुष को नए जमाने की रामायण के तौर पर पेश करने की कोशिश की गई थी, मगर वह चीज बिल्कुल लग ही नहीं पाई। ऐसा लगता है कि इसको डीसी ने बनाया है या फिर फिल्म अपनी खामियों को छुपाने की कोशिश कर रही है। मेकर्स ने देश के माहौल का लाभ लेने के चक्कर में ऐसी फिल्म बना दी जो देखने के बाद नास्तिक लोगों की भी धार्मिक भावनाएं आहत हो जाएं। आदिपुरुष एक औसत से नीचे की फिल्में है जिसे आप नहीं देखे तो भी कुछ मिस करने का मलाल नहीं रहेगा। इसका ओटीटी रिलीज़ 11 अगस्त अमेज़न प्राइम पर किये जाने की प्रबल संभावना है।
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