Webseries Review - Bekaaboo 2 - AltBalaji


निदेशक- आरम्भ एम सिंह

कास्ट- ताहेर शब्बीर, सुभा राजपुत, प्रिया बनर्जी, ताहा शाह, पोलोमी पोलो दास, तुषार खन्ना, स्मरण साहू

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बेक़ाबू के पहले सीजन में आपने देखा होगा कि अनायशा (सुभा राजपूत), कश्ती (प्रिया बनर्जी) और उसकी बहन ने बेस्ट सेलिंग ऑथर कियान रॉय (राजीव सिद्धार्थ) का असली चेहरा उजागर करने के लिए एक गेम खेला था जिससे यह पता चला था कि वह कामुकता की सारी हदें पार कर देता है। अब कियान नए चेहरे (ताहेर शब्बीर) के साथ अनाशा और कशी से बदला लेने के लिए लौट आया है। अनायशा अब अपने सपनों की जिंदगी जी रही है अपने नॉवेल Bekaaboo की सफलता से काफी फेमस हो गयी है और अपने डांस टीचर शौर्य अरोड़ा (तुषार खन्ना) और बिदिता (पोलोमी पोलो दास) के साथ संबंध में है। वहीं काशी अपने खुद के रेस्तरां Late Cumers में अपने नए प्रेमी नोविन (ताहा शाह) के साथ व्यस्त है। कियान अनायशा और कश्ती को बिदिता के साथ मिलकर डराना शुरू करता है लेकिन एक दिन अचानक वह एक अपार्टमेंट में अधमरा मिलता है, जो हॉस्पिटल में मर जाता है और उसकी लाश भी गायब हो जाती है। इनसब की जाँच आकाश (स्मरण साहू) कर रहा है और आयशा, कश्ती, बिदिता और शौर्य इसमें मुख्य संदिग्ध हैं। कियान को किसने और क्यों मारा और उसकी लाश कहाँ गायब हो गयी ये जानने के लिए आपको इस सीरीज को ऑल्टबालाजी पर देखना पड़ेगा।

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बेक़ाबू 2 में सभी पात्रों के प्रदर्शन सही हैं, इससे ज्यादा की उम्मीद भी नहीं की जा सकती थी। कियान के रूप में ताहेर शब्बीर थोड़े कमजोर लगते हैं जबकि इस सीजन का सारा बदला उन्हें ही लेना था लेकिन आधे से कम में ही उसे मार दिया गया। कश्ती के रूप में प्रिया बनर्जी फिर से कामुक लगती हैं और यह अपने पुराने चरित्र में कायम हैं। अनायशा के रूप में सुभा राजपूत ने अच्छा काम किया है। बिदिता के रूप में पोलोमी पोलो दास भी काफी प्रभावशाली हैं, इनका सारा खेल आपको अंत में समझ आएगा। नताशा के रूप में त्रिश्न मुखर्जी भी सामान्य हैं। ताहा शाह और तुषार खन्ना दोनों ने खूब अपनी बॉडी दिखाई है, इनके किरदार में कोई दम नहीं है। पुलिसवाले आकाश की भूमिका में स्मरण साहू सबसे अच्छे जबरदस्त हैं, उन्होंने सबकी बैंड बजा रखी है।

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बेक़ाबू की कहानी नोवोनेल चक्रवर्ती की नॉवेल से प्रेरित है। इसके लेखकों ने यहाँ खिचड़ी बना रखी है कौन किसकी प्रेमी/प्रेमिका है, कौन किसका जासूसी कर रहा है, कौन किससे आनंद ले रहा है ये सब समझने में आपको भले थोड़ा समय लगे और शायद यह सीरीज भी बकवास लगे लेकिन सच कहें तो इसे देखने में आपको कोई तकलीफ नहीं होगी। क्योंकि इसकी एडिटिंग काफी सही है, 10 एपिसोड वाली इस सीरीज की कुल लम्बाई लगभग साढ़े तीन घंटे ही है। यहाँ हर किसी के पास रहस्य है और ऐसे मोड़ हैं जो कभी खत्म होने वाला नहीं लगता। इसके भी अंत में फिर से बदला लेने की इच्छा दिखती है मतलब बेक़ाबू 3 की पूरी तैयारी है।


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